कछुए की अँगूठी का रहस्य
मित्रों मेरा पिछला आर्टिकल "कछुए की अँगूठी का रहस्य"
इस लेख सम्बन्धी मुझसे कुछ लोगों ने प्रश्न किया कि सर हमने कुछ समय पहले कछुए की अंगूठी धारण की थी, पर उसके बाद मन अशांत और चिड़चिड़ा रहने लगा और इसके चलते अँगूठी उतार दी। और ऐसे में आपका विज्ञान और उसका सिद्धांत कि कछुए की अंगूठी धारण करने से सम्रद्धि आती हैं, वह धरा का धरा रह गया। ऐसा क्यों ?
मित्रों कछुए की अँगूठी धारण कराने के पीछे हमारा एक मात्र
प्रयोजन होता हैं कि व्यक्ति के "ध्यान" की दिशा को कछुए से सम्बंधित
धारणाओं व गुणों इत्यादि से जोड़ना। यानी व्यक्ति के स्वभाव में कछुए के
स्वभाव जैसे गुणों को विकसित करना।
मित्रों अंगूठी धारण करने के बाद जैसे-जैसे हमारा जुड़ाव इस
अँगूठी के साथ बढ़ता रहता हैं वैसे-वैसे स्वभाव में परिवर्तन होना शुरू हो
जाता हैं। और ऐसे में उन लोगों को इससे प्रारम्भ में कुछ तकलीफ महसूस होने
लगती हैं, जिनका स्वभाव कछुए के स्वभाव से विपरीत यानी उद्दण्ड, फुर्तीला
या खरगोश के स्वभाव जैसा होता हैं। मित्रों निसन्देह स्वभाव में अचानक आने
वाले इस परिवर्तन के कारण किसी-किसी को कुछ चिड़चिड़ापन जरूर आ सकता हैं।
पर 90 दिनों तक जब निरन्तर हम इस अँगूठी के संपर्क में रहते
हैं तो कछुए का गुण-स्वभाव हमारे सबकोंसियश मस्तिष्क में प्रोग्राम हो जाता
हैं। जैसे कंप्यूटर में जब नया वर्जन आ जाता हैं तब कुछ दिनों तक अजीब सा
लगता हैं ना, ठीक वैसे ही जब स्वभावगत परिवर्तन आते हैं तब थोडा अजीब सा
महसूस होता हैं। और ऐसे में हम ये समझ कर अँगूठी निकाल देते हैं और बोलते
हैं कि अँगूठी सूट नही हुई।
मित्रों रत्न-धारण और कछुए की अंगूठी धारण करने के मूल में एक
ही प्रयोजन हैं, भावों का परिवर्तन। क्योंकि भाव से स्वभाव बनता हैं, और
स्वभाव के प्रभाव से कर्म संपन्न होता हैं, जिसके द्वारा हम फल तक की
यात्रा करते हैं। इसलिए मित्रों अच्छा भाव होगा, तो अच्छा ही स्वभाव होगा,
और स्वभाव अच्छा हुआ तो उसका प्रभाव और फल भी अच्छा ही होगा।
भाव-स्वभाव-प्रभाव-क्रिया-कर्म- फल...(कर्म-सिद्धांत)
मित्रों कछुए की अँगूठी धारण करने से सम्रद्धि आती हैं ऐसा
मैंने सुना था। पर जब तक स्वयं किसी तर्क पर न पहुँच जाऊँ तब तक में उस बात
को नही मानता, ये मेरा स्वभाव हैं। किसी भी उपाय के विज्ञान को समझे बिना
उसका उपयोग करना मात्र मूर्खता के अलावा और कुछ नहीं। शोध किसी की भी हो,
पर उस पर अपना अनुभव एक मजबूत आत्मविश्वास पैदा करता हैं।
Astrologer & Philopher
Gopal Arora
We are grateful to Mr. Gopal Arora ji for compiling कछुए की अँगूठी का रहस्य sharing with us.
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