22 April 2015

इन चार उपायों से बड़े चिंतक की शब्दावली विकसित करें


यहाँ चार तरीक़े दिए जा रहे है, जिनकी मदत से आप बड़े चिंतक की शब्दावली विकसित कर सकते है। 

     1. अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए बड़े, सकारात्मक, आशावादी शब्दों और वाक्यों का प्रयोग करें।  जब कोई आपसे पूछता है, "आप आज कैसा महसूस कर रहे है?" और आप उसे जवाब देते है, "मै थका हुआ हुँ ( मुझे सिरदर्द है, काश कि आज शनिवार होता, मेरा आज बहुत बुरा हाल है )" तो आप अपनी स्थिति को अपने ही हाथों ख़राब कर रहे है।  इसका अभ्यास करें :- यह एक बहुत आसान बात है, परंतु इसमें बहुत शक्ति है।  जब भी कोई आपसे पूछे, "आप कैसे है ?" या "आप आज कैसा महसूस कर रहे है ?" तो जवाब में हमेशा कहें, "बहुत बढ़िया! धन्यवाद और आप कैसे है ?"  या कहे "बेहतरीन" या "शानदार"।  हर मौक़े पर कहें कि आप बढ़िया महसूस कर रहे है और आप सचमुच बढ़िया महसूस करने लगेंगे और ज्यादा बड़ा भी।  एक ऐसे व्यक्ति बनें जो हमेशा बढ़िया महसूस करता है।  इससे दोस्त बनते है। 

     2. दूसरे लोगों का वर्णन करते समय चमकीले, खुशनुमा, सकारात्मक शब्दों और वाक्यों का प्रयोग करें।  यह नियम बना लें कि आप अपने सभी दोस्तों और सहयोगियों के लिए बड़े, सकारात्मक शब्दों का प्रयोग करेंगे।  जब आप किसी के साथ किसी तीसरे अनुपस्थित व्यक्ति के बारे में बात कर रहे हो, तो आप उसकी बड़े शब्दों में प्रशंसा करे, "हाँ, वह बढ़िया आदमी है।"  "लोग कहते है उसका काम बहुत बढ़िया है।"  इस बात का बहुत ध्यान रखें कि आप उसकी बुराई न करें या घटिया भाषा का इस्तेमाल न करें।  देर सबेर तीसरे व्यक्ति को पता चल जाता है कि आपने क्या कहा था, और आपने जो बुराई की थी, वह आपको ही बुरा बना सकती है। 

     3. दूसरों का उत्साह बढ़ाने के लिए सकारात्मक भाषा का प्रयोग करें।  हर मौक़े पर लोगों की तारीफ़ करें।  अपनी पत्नी या पति की हर रोज़ तारीफ़ करें।  अपने साथ काम करने वालों की रोज़ तारीफ़ करें।  अगर सच्ची तारीफ़ की जाए, तो यह सफ़लता का औज़ार बन जाती है।  इसका प्रयोग करे! इसका प्रयोग बार-बार, हर बात करें।  लोगों के हुलिए, उनके काम, उनकी उपलब्धियों, उनके परिवार की तारीफ़ करें। 

     4. दूसरों के सामने योजना प्रस्तुत करते समय सकारात्मक शब्दों का प्रयोग करें।  जब लोग इस तरह की बात सुनते है - "मै आपको एक अच्छी खबर सुनाना चाहता हुँ।  हमारे सामने एक सुनहरा अवसर है..." तो उनके दिमाग़ में आशा जाग जाती है।  परंतु जब वे इस तरह की कोई बात सुनते है, "चाहे आप इसे पसंद करें या न करें, हमें यह काम करना है,"  तो दिमाग़ की बोझिल, बोअरिंग हो जाती वे भी इसी तरह के हो जाते है।  जीत का वादा करें और उनकी आँखों में चमक आ जाएगी।  जीत का वादा करें और आपको समर्थन हासिल हो जाएगा।  महल बनाएं, क़ब्र न खोदें!  

  2 comments:

  1. बहुत ही सकारात्मक व् सही जानकारी आपने दी हैं अगर हम खुद ही अपनी योजनाओं के ले कर सकारात्मक नही होगे तो उन पर काम कैसे करेगे thank you for this nice post

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