15 April 2015

अपने सच्चे आकार को नापें और जानें कि आप कितने योग्य है


     अब अगर इतने सरे लोगों की सोंच इतनी छोटी है, तो इसका मतलब यह हुआ कि अगर आप सचमुच बड़ा सोचते है तो आपके सामने बहुत कम प्रतियोगिता है और आपके लिए एक बहुत बड़े करियर का रास्ता खुला है। 

     सफलता के मामले में लोगों को इंच या पौंड के हिसाब से नही नापा जाता, न ही उन्हें कॉलेज की डिग्री यों से या पारिवारिक पृष्ठ भूमि के पैमाने से नापा जाता है, उन्हें तो उनकी सोच के आकार से नापा जाता है।  आप कितना बड़ा सोंचते है, यही आपकी उपलब्धियों के आकार को तय करता है।  देखते है कि हम किस तरह अपनी सोच को बड़ा कर सकते है। 

     कभी आपने खुद से पूछकर देखा है, "मेरी सबसे बड़ी कमज़ोरी क्या है ?"  शायद इंसान की सबसे बड़ी कमज़ोरी खुद का मूल्यांकन कम करने की होती है - यानि की खुद को सस्ते में बेचने की कमजोरी।  आत्म-मूल्यांकन में कमी अनगिनत तरीकों से साफ़ दिखती है।  जॉन अख़बार में एक नौकरी का विज्ञापन देखता है।  वह इसी तरह की नौकरी करना चाहता है।  परंतु वह इसके लिए कोई कोशिश नही करता क्योंकि वह सोचता है, "मै इस नौकरी के लिए पर्याप्त योग्य नहीं हूँ, इसलिए कोशिश करने की मेहनत क्यों करुँ ?"  या जिम जोन के साथ डेटिंग पर जाना चाहता है, परंतु वह उससे नहीं पूछता क्योंकि उसे लगता है कि वह तैयार नही होगी। 

     टॉम को लगता है कि मिस्टर रिचर्ड्स उसके माल के अच्छे ग्राहक हो सकते है, परंतु टॉम मिस्टर रिचर्ड्स जैसे बड़े आदमी उससे नहीं मिलेंगे।  पीट नौकरी का आवेदन भर रहा है।  उसमे एक प्रशन पूछा जाता है, "आप शुरुवात में कितनी तनख़्वाह चाहेंगे?"  पीट एक छोटी-सी रक़म लिख देता है क्योंकि उसे लगता है कि वह इससे ज्यादा तनख़्वाह के योग्य नही है, जबकि वह इससे ज्यादा तनख़्वाह पाना चाहता है। 

     हज़ारों सालों से दार्शनिक हम यह अच्छी सलाह देते आ रहे है - खुद को जाने।  परंतु ज्यादातर लोग इस सलाह का मतलब यह निकालते है कि खुद को नकारात्मक पहलू को जाने।  ज्यादातर आत्म-मूल्यांकनों में लोग अपनी गलतियों, कमियों, अयोग्यताओं की लंबी सी मानसिक सूची बना लेते है। 

     हमें अपनी कमियाँ पता हो, अच्छी बात है।  इनसे हमें यह पता चलता है कि हमें इन क्षेत्र में सुधार करना है।  परंतु अगर हम सिर्फ़ अपने नकारात्मक पहलू को ही जान पाए तो हम परेशानी में फँस जाएँगे।  हमारा मूल्य अपनी नज़रों में कम हो जाएगा। 

     यह एक अभ्यास दिया गया है जिससे आप अपने सच्चे आकार को नाप सकते है।  मैंने इसे एक्जीक्यूटिव्ज और सेल्स पर्सनल्स के अपने प्रशिक्षण कार्यक्रमों में आज़ माया है।  यह वाक़ई काम करता है। 

     1. अपने पाँच प्रमुख गुणों को तय करें।  किसी निष्पक्ष दोस्त की मदत लें - जैसे आपकी पत्नी, आपका सीनियर, आपका प्रोफ़ेसर - कोई समझदार व्यक्ति जो आपको सच्ची राय दे सके।  ( गुणों के उदाहरण है शिक्षा, अनुभव, तकनीकी योग्यता, हुलिया, संतुलन घरेलू जीवन, रवैया, व्यक्तित्व, लीडरशिप की योग्यता )।

     2. हर गुण के सामने अपने उन तीन परिचित व्यक्तियों के नाम लिख लें हो बेहद सफ़ल है परंतु उनमें यह गुण उतनी मात्र में नही है, जितनी मात्र में यह आपमें है।
     इस अभ्यास को पूरा कर लेने पर आप पाएँगे कि आप किसी न किसी बात में कई सफ़ल लोगों से आगे है।

     ईमानदारी से आप एक ही निष्कर्ष पर पहुँच सकते है - आप जितना सोचते है, आप उससे बड़े है।  इसलिए, आप अपनी सोच को भी अपने साली आकार के हिसाब से बना लें।  उतना ही बड़ा सोचें जितने बड़े आप है! और कभी, खुद को सस्ते में न बेचें!

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